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इंडियन एयरफोर्स का गोपनीय MIG-25 फॉक्सबैट एयरक्राफ्ट।
How to Indian Airforce Kept MIG-25 Foxbat Aircraft Secret.
आज के आर्टिकल में हम आपको इंडियन एयरफोर्स के MIG-25 फोकसबेट एयरक्राफ्ट के बारे में एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं, जिसने आज से करीब 21 साल पहले पाकिस्तान के आसमान को दहला दिया था। और उसके साथी हम आपको यह भी बताएंगे कि इंडियन एयरफोर्स ने इस एयरक्राफ्ट को इतने सीक्रेट तरीके से कैसे रखा था।
यह बात है,
मई 1997 की जब इस मिग 25 फॉक्सबेट एयरक्राफ्ट ने एक सीक्रेट मिशन के तहत सबसोनिक रफ्तार के साथ पाकिस्तान में प्रवेश किया था। और फिर पाकिस्तान मे प्रवेश करने के बाद अपने मिशन के तहत इस एयरक्राफ्ट ने इस्लामाबाद के पास कई स्थानों की तस्वीरें ली। अपने मिशन को पूरा करने के बाद जब MIG-25 फॉक्सबैट एयरक्राफ्ट वापस भारत की ओर मुड़ा तो पाकिस्तानी एयर स्पेस से बाहर निकलते ही इंडियन एयरफोर्स के पायलट ने इसकी रफ्तार को सब सोनिक से बढ़ाकर सुपरसोनिक यानी कि करीब मेक 2 तक कर दिया।
जिसकी वजह से एक बहुत ही बड़ा सोनिक बूम हुआ। यह सोनिक बूम इतना ज्यादा पावरफुल था कि इस सोनिक बूम ने इस्लामाबाद के आसमान को दहला दिया था। और जब तक पाकिस्तान को इसके कारणों को पता लग पाता, उससे पहले ही इंडियन एयर फोर्स का यह फाइटर वापस अपने एयरबेस पर पहुंच चुका था। इंडियन एयरफोर्स के इस मिशन को क्लासिफाइड रखा गया था। और इसी वजह से यह आज तक एक राज है, कि आखिर क्यों इंडियन एयरफोर्स के पायलट ने सोनिक बूम से पाकिस्तान के इतने ज्यादा आबादी वाले क्षेत्र में अपनी उपस्थिति का खुलासा किया था। क्योंकि अगर पायलट चाहता तो जिस रफ्तार से गया था उसी रफ्तार से आसानी से वापस आ सकता था। इससे न तो कोई सोनिक बूम जनरेट होती और ना ही कभी लोगों को इस बात का एहसास होता। सोनिक बूम का पता लगाने के लिए फ्लाइट स्पाइस जैसी वेबसाइट ने अनुमान लगाया था कि इंडियन पायलट पाकिस्तान को यह दर्शाना चाहता था, कि वे इंडियन एयर फोर्स की तुलना में बहुत ही कमजोर है। हालांकि इसके बाद पाकिस्तानी F-16 फाइटर ने इसका पता लगाने के लिए उड़ान भरी तब तक MIG-25 अपने बेस पर पहुंच गया था। हालांकि भारत सरकार ने इस बात से पूरी तरीके से इंकार कर दिया था कि उन्होंने इस तरह के किसी भी मिशन को अंजाम दिया है। लेकिन पाकिस्तान के विदेश मंत्री कोहर आयुह खान को पूरा भरोसा था की इंडियन एयरफोर्स के MIG-25 फॉक्स बैट एयरक्राफ्ट ने इस्लामाबाद के कुछ सामरिक स्थानों की तस्वीरें खींची हैं ।
तो चलिए आइए जानते हैं
कि किस प्रकार इंडियन एयरफोर्स ने इस फाइटर को इतनी अच्छी तरह से गोपनीय तरीके से 25 सालों तक कैसे रखा था की इसके बारे में किसी को भी नहीं पता था। MIG-25 फॉक्सबैट एयरक्राफ्ट को इंडियन एयर फोर्स की सर्विस में 1981 में शामिल किया गया था। और इसे बरेली में स्थित त्रिशूल एयरबेस के ट्राईसोनिक स्क्वाडर्न में स्थापित किया गया था। इस स्क्वाडर्न में कुल 8, MIG-25 फॉक्सबेट एयरक्राफ्ट थे। इन एयरक्राफ्ट को उड़ाने के लिए कुछ चुनिंदा फाइटर्स पायलट को ही चुना जाता था। आप यकीन नहीं करेंगे यह एयरक्राफ्ट इतना ज्यादा गोपनीय था कि इसके बारे में इंडियन एयरफोर्स के कुछ ऑफिसर को भी नहीं पता था। इस एयरक्राफ्ट की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए बरेली एयर बेस ट्राई सोनिक स्क्वाडर्न में ही असेंबल किया गया था। और फिर 25 सालों की एक बहुत बेहतरीन सेवा देने के बाद सन 2006 में इसको रिटायर कर दिया गया था । इस फाइटर को आज तक केवल 42 इंडियन पायलट ने ही उड़ाया था। mig-25 फॉक्सबेट एयरक्राफ्ट 85,000 फीट की ऊंचाई तक ऑपरेट किया जा सकता था। यह फाइटर गोपनीय मिशन में ही प्रयोग में लाया जाता था, तो इसी वजह से MIG-25 फॉक्सबैट को इंडियन एयरफोर्स का जेम्स बॉन्ड भी कह सकते हैं |
तो चलिए आइए जानते हैं
कि किस प्रकार इंडियन एयरफोर्स ने इस फाइटर को इतनी अच्छी तरह से गोपनीय तरीके से 25 सालों तक कैसे रखा था की इसके बारे में किसी को भी नहीं पता था। MIG-25 फॉक्सबैट एयरक्राफ्ट को इंडियन एयर फोर्स की सर्विस में 1981 में शामिल किया गया था। और इसे बरेली में स्थित त्रिशूल एयरबेस के ट्राईसोनिक स्क्वाडर्न में स्थापित किया गया था। इस स्क्वाडर्न में कुल 8, MIG-25 फॉक्सबेट एयरक्राफ्ट थे। इन एयरक्राफ्ट को उड़ाने के लिए कुछ चुनिंदा फाइटर्स पायलट को ही चुना जाता था। आप यकीन नहीं करेंगे यह एयरक्राफ्ट इतना ज्यादा गोपनीय था कि इसके बारे में इंडियन एयरफोर्स के कुछ ऑफिसर को भी नहीं पता था। इस एयरक्राफ्ट की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए बरेली एयर बेस ट्राई सोनिक स्क्वाडर्न में ही असेंबल किया गया था। और फिर 25 सालों की एक बहुत बेहतरीन सेवा देने के बाद सन 2006 में इसको रिटायर कर दिया गया था । इस फाइटर को आज तक केवल 42 इंडियन पायलट ने ही उड़ाया था। mig-25 फॉक्सबेट एयरक्राफ्ट 85,000 फीट की ऊंचाई तक ऑपरेट किया जा सकता था। यह फाइटर गोपनीय मिशन में ही प्रयोग में लाया जाता था, तो इसी वजह से MIG-25 फॉक्सबैट को इंडियन एयरफोर्स का जेम्स बॉन्ड भी कह सकते हैं |
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