Wednesday 29 May 2019

चीन, पाकिस्तान को लगा झटका भारत और रसिया के बारे में यह जानकर !!!!

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JAI HIND
चीन और पाकिस्तान अभी भारत आने वाले दुनिया के सबसे घातक फाइटर जेट राफेल के सदमे से बाहर निकले ही नहीं थे। कि रशिया ने एक और बड़ा ऐलान कर दिया है। जंहा पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय साझेदारी तेजी से बदल रही है वही रसिया अपने पुराने मित्र भारत को अमेरिका के खेमे में जाने से रोकने की भरपूर कोशिश कर रहा है। जहां अमेरिका ने अपने F21 फाइटर जेट को भारत में ही मेक इन इंडिया के तहत बनाने की  पेशकश की थी वही अब रसिया ने अपने सबसे आधुनिक फाइटर जेट सुखोई  SU-57 को बेचने का प्रस्ताव रखा है।लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने दोनों देशों के बीच एक संतुलन बनाए रखने में सफलता पाई है। रसिया ने अब भारत के साथ दोस्ती को नए मुकाम पर ले जाने के लिए अपने फाइटर जेट MIG-25 को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ भारत के सामने रखा है।जिस पर भारतीय सरकार आखरी फैसला लेगी। Mig (मिकोयन)  कंपनी के सीईओ ने फाइनेंसियल एक्सप्रेस को दिए गए इंटरव्यू में बताया कि वह ना सिर्फ Mig-35 को मेक इन इंडिया के तहत भारत में बनाएंगे बल्कि इसकी पूर्ण टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी भारत को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वे इंडियन एयरफोर्स की जरूरतों को अच्छे से समझते है। क्योंकि वे इंडियन एयर फोर्स के लिए काफी लंबे समय से फाइटर जेट बनाते आए हैं।

Mig-35 फाइटर जेट में सॉफ्टवेयर अपडेट किया गया है तथा मल्टीफंक्शनल डिस्प्ले को इंस्टॉल किया गया है। नए और उन्नत हथियारों के साथ साथ इस फाइटर जेट की 190 किलोमीटर दूरी तक की मारक क्षमता को भी बढ़ाया गया है जिसका मतलब है कि भारतीय एयरफोर्स भारतीय एयरस्पेस में रहते हुए ही पाकिस्तान के अंदर 190 किलोमीटर दूरी तक हमला कर सकती है।
स्टेल्थ फीचर के लिए इस फाइटर जेट में आधुनिक रशियन कोटिंग का इस्तेमाल किया गया है जिसके कारण Mig-35 को किसी भी देश द्वारा रडार से ट्रैक कर पाना बहुत मुश्किल होगा। Mig-35 डील की खास बात यह भी है कि रसिया Mig-35 के लिए मेंटेनेंस व स्पोर्ट के लिए भारत में ही इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करेगा। जो इसके पूरे लाइफ साइकिल के मेंटेनेंस की जिम्मेवारी लेगा। मिकोयन के सीईओ ने अपने इंटरव्यू में यह भी बताया कि, वह रशियन इंजीनियर के साथ भारतीय एयर फोर्स या किसी और भारतीय कंपनी के लोगों को फाइटर जेट के बारे में ट्रेनिंग देंगे। जिसे भारत को भविष्य में काफी फायदा होगा।


पहले अपने देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देना फिर अपने सबसे एडवांस सुखोई SU-57 और MIG-35 को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ भारत को बेचने का प्रस्ताव रखना।
उसके बाद पाकिस्तान की हथियार डील को ठुकराना। यह सभी चीजे दर्शाती है कि रसिया आसानी से भारत को अमेरिका के खेमे में नहीं जाने देगा।
वैसे यह तो भारतीय एयरफोर्स के ऑफिसर और भारतीय सरकार ही तय करेगी कि कौन सा फाइटर जेट खरीदा जाएगा पर इससे एक बात तो साफ है कि भविष्य में भारत को अच्छे दामों में फाइटर जेट  मिल सकेंगे
वही चाइना के बेड़े में तो सिर्फ पुराने रशियन फाइटर या मेड इन चाइना का माल ही रह जाएगा।
रसिया के इस एक्सक्लूसिव ऑफर से आपको क्या लगता है कि भारत का कौन सा देश सबसे अच्छा मित्र है हमें कमेंट करके बताइए।
धन्यवाद ।
जय हिंद



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